जानवर हमें कितना सिखाते है,
कहते है, और हमने देखा भी है, अनुभव भी करते है, की जो पेट जानवर या एनिमल होते है, जैसे डॉग, कैट, पैरेट, हॉर्स, गाये आदि, वे अपने ओनर के लिए बहुत ही प्यार भरा वयवहार करते है, वे उनके लिए सब कुछ देने को तैयार रहते है, एक डॉग अपने मालिक को देखकर इंतना kush होता है, की हम कह नहीं सकते है, थोड़ी सी रोटी जो उसे मिलती है, या थोडा सा प्यार जो उसे मिलता है, उसका बदला वह जिन्दगी भर सहायता कर चुकाता है, मालिक के उदार होने पर वह भी उदास हो जाता है, लेकिन वह मालिक के लिए कुछ उचल कूद करता है, जिससे मालिक का दिल बहल जाये, उसका कुछ गम हल्का हो गए, जब डॉग को मालिक बाहर घुमाने ले जाता है, तो वास्तव में दोनों का फायदा होता है, अकेलापन दूर होता है, फ्रेश हवा मिलती है, एक्सरसाइज भी हो जाती है, वफादार और समझदार डॉग बाहर जाकर ही पॉटी करते है, वे समझते है, की घर में पॉटी नहीं करनी है, कुछ कैट ऐसी होती है, जो बताये गे जगह में ही जाकर बाथरूम आदि करती है, तो जानवरों में भी बहुत हद तक डिसिप्लिन होता है, और हम अपना डिसिप्लिन भूलते जा रहे है,
जानवर कितना स्वामी भक्त होता है, हम चेतक घोड़े की स्टोरी से जान सकते है मेवार के राजा महराना प्रताप के पास एक बहुत ही लाजवाब घोडा था, जो उन्हें एक गुजरांत के व्यापारी ने भेट किया था, वह घोडा कठिवाडी से आया था, बहुत ही विलक्षण नसल का घोडा था. संसार में शायद ही उसके जैसे कोई अन्य जानवर होंगे. महाराणा प्रताप को यह घोडा बहुत प्रिय था, उसका नाम चेतक था, चेतक का अर्थ होता है, सचेत. जैसा नाम था वैसा ही काम था उसका , वह मालिक के लिए हमेशा तयार रहता था, वह चीते की गति से भागता था करीब १२० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार थी वह महाराणा के आंख के इशारे को भांप लेता और मुड जाता.
१८ जून १५७६ को महाराणा प्रताप और मुग़ल बादशाह के बीच हल्दी घाटी का प्रसिद्ध युद्ध हुवा, जिसमे कोई हार जीत नहीं हुई, लेकिन यह युद्ध चेतक को हमेशा के लिए इन्तिहस में अमर कर गया. हालाँकि कई बार महाराणा प्रताप ने मुग़ल सेना को पराजित किया इसके बावजूद की उनके पास सेनिक कम थे, लेकिन महाराणा प्रताप के प्रताप ही था की मुग़ल सल्तनत को हमेशा ही चिंता सताती थी, उदैपुर राजस्थान से करीब ४० किलोमीटर दूर अर्रावली की पहाड़ी है, जन्हा यह युद्ध हुवा, सामने की और से, मुग़ल सेना का नेतृत्व मान सिंह के हाथ था. ऐसा कहा जाता है, की युद्ध में महाराणा प्रताप को जब चोट लगी , तो चेतक ने तुरंत ताड़ लिया और वह उन्हें लेकर तीव्र गति से भागा, अचानक एक गहरा सा गद्दा आया जो करीब २५ फीट वाइड था, चेतक अपनी जान की परवाह न करते हुवे उस दरिया को पार कर गया, ऐसा करते हुए उसने अपने प्राण दे दिए लेकिन महारण प्रताप की जान को बचाया जो आगे कई सालो तक जीवित रहे और मुगलों से लड़ते रहे, चेतक की यह सूझ बुझ उसे इतिहास में अमर कर गई चेतक मंदिर या समाधी को देखने और उसकी स्वामिभक्ति को समझने के लिए तथा उसको श्रधा सुमन अर्पण करने के लिए हजारो सेनानी वंहा आते है, फोटो शूट करते है, और अपना शीश झुकाते है, धन्य है, ऐसे वीर महाराजा, वो धरती जिसने ऐसे राजा पैदा किये और उनके लिए ऐसे सेवक पैदा किये.
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As we can learn many lessons from different animals, we used to call by giving the good or bad titles of various animals, if someone is wise, we say he or she is like a clever fox, if someone shouts, we say it is cacophony like the crow if someone sings with a sweet voice, we say he or she is like cuckoo or koyal.
If someone is very strong, we say like a lion, or be like an elephant, if you want to move ahead as a carefree one. Giraffes and animals like fish tell us how to adapt to the surroundings. The example of fish is also given to show the affinity or love with the water. It is so deep that fish can not think of living without water. Even the smallest insect like the Ant, tells us about the quality of persistence and gives us the lesson of team spirit. When birds fly in groups, you must have observed that they fly in aerodynamic shape to cut the air and then one who leads and faces the strong winds and other difficulties is changed at regular intervals to take rest. Watching this phenomenon is very interesting. Dogs also show true friendship, when they live in a group and start barking jointly if anyone comes to their territory.
Parrots learn quickly and they recite what we say, some of the species from Africa are known to repeat exactly the words spoken by human beings. Animal-like monkey also shows the social security aspects. The senior ones give signals by shouting a special language which means there is danger, animal like Lion is around, so all animals would go to trees and when again safe time is seen, a different signal is given to all. This is nothing but a caring and sharing principle in society.
जानवर वाकई समझदार है, एक किसान गन्ने की चरखी चला रहा है, गुड बन रहा है, अचानक एक आदमी आता है, जो काफी बड़ा आदमी मालूम पड़ता है, पड़ा लिख दीखता है, किसान को देखता है, पूछता है, भाई यह बेल जो गोल गोल घूम रहा है, गन्ने का जूस निकल रहा है, और तुम आराम से सो रहे हो, तुम्हे कैसे पता पड़ता है, की सब कुछ ठीक है, किसान बोला देखो बेल के गले में हमने घंटी बाँध राखी है, बेल रुकेगा तो घंटी की आवाज नहीं आएगी तो हमें पता चलेगा की कुछ गड़बड़ है, फिर वह व्यक्ति बोला की अगर बेल ने स्मार्टनेस दिखाई, याने चतुरता या धूर्तता दिखाई, की वह काम कर रहा है, घटी बज सकती है, अगर वह चाहे धोखा देना तो वह रूककर गर्दन हिलाएगा और काम नहीं करेगा, आपको पता नहीं चेलेगा, क्योकि घटी बजती रहेगी, किसान बोला ऐसा नहीं होगा, आदमी ऐसी बेमानी कर सकता है, बेल नहीं.