2 May 2024

dil ka huzra saaf kar, jaana ki aane ke liye.

We should cleanse our hearts because it has been loaded with unnecessary worldly mundane affairs and there is no place for God to sit, Unless we remove the clatter, we can not create space for God. then we have to remove the thoughts of other people, the memory of various matters from our mind and consciousness so that we have the memory of our beloved God. Chasme dil means inner eye, which can tell us the reality of the outside world, there are so many diversions just to befool us from knowing the reality. Out outside world is just an illusion and nothing comes into our hands, unless we get detached from great illusion, we can not see the truth, these outside attraction is nothing but hindrances to our true inner journey. Ek Dil lakho tamana, us par aur jyada havas, phir thikana hai, kanha uske thikane ke liye, means there are ample desires inour mind and these desires never subsides. If we fulfill one then you have ten more. Ultimately it is a short time gain but long time loss. Nakli mandir msjid me jaye sad afsos hai, kudrati masjid ka sakin dukh utane ke liye, means our own body is living temple of God, why we do prayer in artificial buildings. कुदरती काबे की तू मेहराब में सुन गौर से, आ रही धुर से सदा तेरे बुलाने के लिए, , हम जीते जागते मंदिर के अन्दर से जो कुदरती आवाज आ रही है, जिसे , धुन या आकाशवाणी कहते है, उसको सुनते नहीं वह आवाज परमात्मा ने हमारे सुनने और बुलाने के लिए है, राखी है, उसीसे घर बापसी होती है, लेकिन हम नादान, इसलिए कहा है, क्यों भात्क्कता फिर रहा है तू तलाशे यार में, रास्ता शःराग में है, दिलबर पे जाने केलिए. हम भूले भटके है नहीं जानते की जो कुछ मिलना है अंतर्मुख अभ्यास से मिलना है,, बाहरी कर्म कांड हमें मंजिल तक पहुंचा नहीं सकते. मुर्शिदे कामिल से मिल सिदक और सबुरी से ताकि जो तुझे देगा फहम शःराग पे जाने के लिए, जब तक हमें वक्ता का लिविंग मास्टर नहीं मिले बात बनेगी नहीं, श्रधा और सत्यता से सतगुरु का साथ लेना होगा वो हमें बताएगा की कैसे च्चालना है, वह राज या भेद देगा अन्दर से परमात्मा को मिलने का. गोशे बातिन हो कुशादा जो करे कुछ दिन अमल, ला इल्लाह अल्लाह हु अकबर पे जाने के लिए, अगर एकांत में बैठकर दिल के अन्दर अपने ध्यान को एकता कर ले, तो कुछ दिन के अमल करते ही, हम अपने प्रीतम को प्राप्त कर सकते है, यह सदा तुलसी की है, आमिल अमल कर ध्यान दे, कुन कुरा में है, लिखा अल्लाह हु अकबर के लिए. यही एकमात्र रास्ता है, जो कुरान तथा अन्य धार्मिक ग्रंत्ठो में लिखा है, जो सभी कामिल मुर्शिद, फकीर , संत बताते है, इसि raah से जो कोई अन्दर गया वह निर्वाण गति को पा गया.

tulsi साहिब की एक और प्रसिद्ध ग़जल है, अरे इ तकी तकते रहो, मुर्शिद ने दस्त पंजा दिया, बेहोश हो मत chodiyo गर चाहे तू जलवा पिया …….लिवींग मास्टर जब बक्शीश कर देते है, वे अपने साथ शरण में ले लेते है, राज बता देते है, तो कहते है, धेर्य रखना है, श्रधा पूर्वक उनके साथ चलना है, उनके बताये गए रस्ते को पकरना है, लिविंग मास्टर की पूर्ण गारंटी होती है वे अंत वेले तक साथ निभाते है, होगा फजल दरगाह तक, खोफो खतरे की जा नहीं, सीधे चले जानावाहन मुर्शिद ने ये फ़तवा दिव्या. अगर कामिल मुर्शिद अपनि शरण में ले ले, फिर कोई चिंता की बात नहीं उसका बक्शा हुआ जीव सीधे अपनी मंजिल की और अग्रसर हो जाता है, भक्ति का मार्ग, जो परमात्मा के नाम से मिलता है, बद्दा प्यारा और साचा रास्ता है, सभी पुहुचे हुए महत्मा लोग इसी रस्ते से होकर गए है, पहुंचे सभी इस raah से, जिसने की दिल पुख्ता किया , इसके पहले कहा गया मंसूर, सर्मद्द, बू अली, और शम्स मौला हुए, , पहुंचे सभी इस raah से जिसने की दिल पुख्ता किया. ये राहे मंजिल इसक है, पर पमें हुचना मुश्किल नहीं, वैसे तो इश्क आसन नहीं होंता है, डूबकर जाना होता है, इसक में सब कुछ लुटाकर जाना होता है, प्रीतम के प्यार में सब कुछ भूलने वाला ही कामयाब होता है, लेकिन आप कहते है, लिविंग मास्टर ने कुछ ऐसा करिश्मा कर दिया है की कुछ भी मुश्किल नहीं है, हा एक मुश्किल है, के आज के ज़माने में ऐसा पूरण महत्मा मिलना बहुत कठिन है, मुशिकिल तो है, कुषा हो रूबरू जिसने तुझे पंजा दिया. तुलसी कहे सुन इ ताकि यह राजे बातिन है जुदा, रखना हिफाजत से इसे तुझको निशान ऊँचा दिया. जिसको भी लिविंग मास्टर रास्ता दिखा देता है, या राज आठवा भेद दे देता है, वह अनोखी भेट पाकर निहाल हो जाता है, कहते है मुर्शिद द्वारा दी गई इस भेट को अति हिफाजत से संभल के रखना है, यह उची से उची दौलत है, अनमोल है, जिसके लिए मीरा बाई, कहती है, प्योजी में में राम रतन धन पायो, वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु कृपा कर अपनायो .

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